The personality of the brave woman Avantibai Lodhi, who took on the British, was an inspiration: Finance Minister OP Choudhary.
अदम्य साहस की प्रतिमूर्ति बताकर वित्त मंत्री ओपी ने बलिदान दिवस पर अर्पित की श्रद्धांजलि
रायगढ़ :- महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, देश के स्वाभिमान हेतु अंतिम सांस तक संघर्ष करने वाली अदम्य साहस की प्रतिमूर्ति वीरांगना रानी अवंतीबाई लोधी जी के बलिदान दिवस पर विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए वित्त मंत्री एवम रायगढ़ विधायक ओपी चौधरी ने रानी अवंतिबाई लोधी जी के नारी शक्ति की मिसाल बताते हुए उनके व्यक्तित्व को पीढ़ियों तक प्रेरित करने वाला बताया। अंतिम सांसों तक अंग्रेजो से लोहा लेने वाली वीरांगना अवंतीबाई लोधी आज भी लोक-काव्यों की नायिका के रूप में हमें राष्ट्र के निर्माण, शौर्य, बलिदान व देशभक्ति की प्रेरणा दे रही हैं। अंग्रेजी शासन के विरुद्ध अवंती बाई लोधी के संघर्ष की वजह से अंग्रेज सरकार के घुटने टेकने की शुरुवात हुई। बचपन से ही तलवारबाजी और घुड़सवारी में दक्ष वीरांगना अवंतीबाई ने अंग्रेजो के खिलाफ क्रांति का संदेश देने के लिए आसपास के सभी राजाओं और प्रमुख जमींदारों को चिट्ठी के साथ कांच की चूड़ियां भिजवा कर यह संदेश दिया कि देश की रक्षा करने के लिए या तो कमर कसो या चूड़ी पहनकर घर में बैठो। देशभक्त राजाओं और जमींदारों ने रानी के साहस और शौर्य की बड़ी सराहना की और उनकी योजनानुसार अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह का झंडा खड़ा कर दिया। जगह-जगह गुप्त सभाएं कर देश में सर्वत्र क्रांति की ज्वाला फैला दी। अंग्रेजो के खिलाफ अंतिम सांसों तक संघर्ष करते हुए आत्मसमर्पण की बजाय वीरांगना अवंतीबाई लोधी ने अपने अंगरक्षक से तलवार छीनकर अपना जीवन समाप्त करते हुए देश के लिए जीवन बलिदान कर दिया। भारत के इतिहास में वीरांगना अवंतीबाई का नाम सुनहरे अक्षरों में दर्ज है।