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ज्ञानवापी के ‘व्यास तहखाना’ में जारी रहेगी पूजा और नमाज, सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने से किया इनकार

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Worship and Namaz will continue in ‘Vyas Tahkhana’ of Gyanvapi, Supreme Court refuses to stay the High Court’s decision.

सुप्रीम कोर्ट ने वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद के व्यास तहखाने में हिंदुओं की पूजा पर फिलहाल रोक लगाने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने ज्ञानवापी परिसर में हिंदू और मुस्लिम दोनों के धार्मिक अनुष्ठानों पर यथास्थिति बरकरार रखने का आदेश दिया है। इसका मतलब तहखाने में पूजा और मस्जिद में नमाज जारी रहेंगी। पूजा की अनुमति देने वाले हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली मस्जिद समिति की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने ये फैसला सुनाया।

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आज सुनवाई के दौरान मस्जिद समिति के वकील हुजेफा अहमद ने पूजा की अनुमति देने के वाराणसी कोर्ट के फैसले और इसे बरकरार रखने के इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि 30 साल से तहखाने में कोई पूजा नहीं हो रही थी और ऐसी कोई तात्कालिकता नहीं थी कि केवल मौखिक आवेदन के जरिए तहखाने को सौंपा गया। उन्होंने यह भी कहा कि आदेश तहखाने को सौंपनें का था, लेकिन इसमें पूजा हो रही है।

सुप्रीम कोर्ट ने यथास्थिति बनाए रखने का दिया आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कहा कि 17 जनवरी और 31 जनवरी (तहखाना के अंदर पूजा की अनुमति) के आदेशों के बाद मुस्लिम समुदाय द्वारा ज्ञानवापी मस्जिद में बिना किसी बाधा के ‘नमाज’ पढ़ी जाती है और हिंदू पुजारी द्वारा ‘पूजा’ की पेशकश तक ही सीमित है। ‘तहखाना’ क्षेत्र में यथास्थिति बनाए रखना उचित है ताकि दोनों समुदाय उपरोक्त शर्तों के अनुसार पूजा करने में सक्षम हो सकें। भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने हिंदू और मुस्लिम पक्षों को ज्ञानवापी परिसर में यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया ताकि दोनों समुदाय ‘पूजा’ और ‘नमाज’ अदा कर सकें।

व्यास जी तहखाने में 31 पूजा के आदेश दिए थे
गौरतलब है कि 31 जनवरी को वाराणसी जिलता कोर्ट ने हिंदू पक्ष को ज्ञानवापी परिसर (Gyanvapi Case) के व्यास जी तहखाने में पूजा की अनुमति दी थी. इस फैसले में कहा गया था कि काशी विश्वनाथ ट्रस्ट से नामित पुजारी व्यास जी तहखाने में पूजा करेगा. इस फैसले के खिलाफ मसाजिद कमेटी ने हाईकोई में याचिका दाखिल की थी और पूजा करने पर रोक लगाने की मांग की थी. हाईकोर्ट ने कमेटी की याचिका खारिज कर दी थी. इसके बाद जुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी सुप्रीम कोर्ट गई थी. जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने हस्तक्षेप करने से मनाकर दिया है.

हिंदू पक्ष को भी नोटिस जारी
जानकारी दे दें कि सर्वोच्च न्यायालय ने ‘व्यास तहखाना’ के अंदर देवताओं की ‘पूजा’ पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली ज्ञानवापी मस्जिद समिति की अपील पर हिंदू पक्ष को नोटिस भी जारी किया है।

बता दें कि वाराणसी की अदालत के फैसले के खिलाफ अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की तरफ से हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी, जिसे उच्च न्यायालय ने खारिज कर दी थी और जिला अदालत के फैसले को बरकरार रखा। अब हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था, जिसपर सर्वोच्च न्यायलय ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।

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