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वायु सेना के अपाचे हेलीकॉप्टर में सवार थे 2 पायलट, लद्दाख में इमरजेंसी लैंडिंग, कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के आदेश

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2 pilots were aboard Air Force’s Apache helicopter, emergency landing in Ladakh, Court of Inquiry orders

लद्दाख में भारतीय वायुसेना के एक हेलीकॉप्‍टर की इमरजेंसी लैंडिंग का मामला सामने आया है. बताया जा रहा है कि बुधवार को पहाड़ी क्षेत्र में सेना के एक अपाचे हेलीकॉप्‍टर ने इमरजेंसी लैंडिंग की. गनीमत रही कि इस हादसे में कोई हताहत नहीं हुआ. सेना की तरफ से बताया गया कि हेलीकॉप्‍टर में मौजूद दोनों पायलट सुरक्षित हैं. वायु सेना ने घटना की कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी के आदेश दे दिए हैं.
कैसे हुआ हादसा?

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वायुसेना के अधिकारियों ने बताया कि हादसे का प्रथमदृष्टया जो कारण सामने आया है, उसमें लद्दाख क्षेत्र (AOR) में उतार-चढ़ाव वाले इलाके और उच्च ऊंचाई से उत्पन्न चुनौतियां शामिल हैं। हादसे के बाद भले ही पायलट सुरक्षित हैं, लेकिन हेलीकॉप्टर को क्षति पहुंची है। बता दें कि सितंबर, 2015 में अमेरिका के साथ 13,952 करोड़ रुपये के समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे, जिनमें भारतीय वायुसेना ने इनमें से 22 उन्नत हेलीकॉप्टरों को शामिल किया।

भारतीय वायु सेना के एक अपाचे हेलीकॉप्टर को लद्दाख में आपातकालीन लैंडिंग करनी पड़ी। इस दौरान उतार-चढ़ाव वाले इलाके और अधिक ऊंचाई के कारण हेलीकॉप्टर को नुकसान पहुंचा है। हालांकि इसमें सवार दोनों पायलट सुरक्षित हैं। वायुसेना ने गुरुवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि घटना बुधवार को हुई।

वायु सेना ने घटना की कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी के आदेश दे दिए हैं। आईएएफ ने एक संक्षिप्त बयान में कहा, ‘आईएएफ के अपाचे हेलीकॉप्टर ने 3 अप्रैल को लद्दाख में एक परिचालन प्रशिक्षण उड़ान के दौरान एहतियाती लैंडिंग की। इस लैंडिंग की प्रक्रिया के दौरान, उतार-चढ़ाव वाले इलाके और उच्च ऊंचाई के कारण इसे नुकसान हुआ।’

इसमें कहा गया, ‘विमान पर सवार दोनों पायलट सुरक्षित हैं और उन्हें निकटतम एयरबेस पर ले जाया गया है। कारण का पता लगाने के लिए कोर्ट ऑफ इंक्वायरी का आदेश दिया गया है।’

अपाचे हेलिकॉप्टर की खासियत
अपाचे हेलिकॉप्टरों को अटैक के मामले में दुनिया में सबसे मारक माना जाता है। मई 2019 में अमेरिकी कंपनी बोइंग ने भारत को एरिजोना में पहला अपाचे हेलिकॉप्टर सौंपा था। अपाचे को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि दुश्‍मन की किलेबंदी को भेदकर और उसकी सीमा में घुसकर हमला करने में सक्षम है। रक्षा विश्‍लेषकों का मानना है कि अपाचे युद्ध के समय ‘गेम चेंजर’ की भूमिका निभा सकता है। किसी भी तरह का मौसम हो, किसी भी तरह की परिस्थिति हो, अपाचे अटैक हेलिकॉप्टर दुश्मनों को नहीं बख्शता।

‘अपाचे’ में हवा में मार करने की क्षमता
नये अधिग्रहीत अपाचे हेलीकॉप्टर में कई प्रकार की क्षमताएं हैं, जिनमें टैंक रोधी निर्देशित मिसाइल, हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल, रॉकेट और अन्य गोला-बारूद लॉन्च करने की क्षमता शामिल है. भारत द्वारा अपाचे हेलीकॉप्टरों को हासिल करना एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है. इसके साथ ही भारत इस गुप्त और बहुमुखी मशीन को अपने सैन्य शस्त्रागार में शामिल करने वाला 16वां देश बन गया है.

अपाचे हेलीकॉप्टर की उल्लेखनीय विशेषताओं में हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइल, हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल, रॉकेट और गन सिस्टम शामिल हैं. हेलीकॉप्टर की मारक क्षमता बढ़ाने के लिए, यह एक ऐसी रडार से लैस है, जो सबसे प्रतिकूल परिस्थितियों और जंगली इलाकों में लक्ष्य का पता लगाने तथा उस पर हमला करने में सक्षम है. यह घटनाक्रम भारतीय सेना की परिचालन क्षमताओं में पर्याप्त वृद्धि का प्रतीक है, जो पश्चिमी क्षेत्र में देश के रक्षा बुनियादी ढांचे को और मजबूत करता है.

 

 

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