Big action of EOW: Raid at the house of Anwar Dhebar’s brothers, team of 16 officers reached the house of Mayor Ajaz Dhebar
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में हुए दो हजार करोड़ रुपये के शराब घोटाले में आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) और एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) की टीम ने दूसरे दिन शुक्रवार को भी बड़ी कार्रवाई की। जांच एजेंसी ने कारोबारी अनवर ढेबर के भाइयों के घर पर छापेमारी की है। ईओडब्ल्यू ने रायपुर महापौर एजाज ढेबर के साथ अख्तर ढेबर और जुनैद ढेबर के घर छापा मारा है। सुबह 6 बजे से 16 अधिकारी दबिश देकर जांच में जुटे हैं। बताया जा रहा है कि शराब घोटाला मामले में कई अन्य लोगों की भी गिरफ्तारी हो सकती है। एसीबी और ईओडब्ल्यू ने अनवर ढेबर के वेनिंगटन होटल में भी दबिश दी है।

बता दें कि ईडी की रिपोर्ट के आधार पर शराब घोटाला में एफआईआर दर्ज कर चुकी ईओडब्ल्यू-एसीबी इस मामले की जांच तेजी से कर रही है। ब्यूरो ने अरविंद सिंह और अनवर ढेबर के बाद आबकारी विभाग के पूर्व विशेष सचिव अरुणपति (एपी) त्रिपाठी को भी गिरफ्तार कर लिया है। ब्यूरो ने एक दिन पहले राज्य के अलग-अलग शहरों में 21 स्थानों पर दबिश दी थी। इनमें रायपुर में 09, दुर्ग-भिलाई में 07, राजनांदगांव में 04 और बिलासपुर में 04 स्थान शामिल थे। अफसरों के अनुसार तलाशी पर लगभग 19 लाख नकद, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जैसे लैपटॉप, पेन-ड्राइव, बैंक स्टेटमेन्ट्स, चल-अचल संपत्ति संबंधी दस्तावेज, करोडों के आभूषण, बैंकों में करोडों के निवेश के अलावा अनेक अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज भी बरामद हुए हैं, जिनका परीक्षण किया जा रहा है। दस्तावेजों में आबकारी से अर्जित अवैध संपत्ति के सामान्य निवेश एवं शेल कम्पनियों के माध्यम से लेयरिंग, अनसिक्योर्ड लोन एवं निवेश संबंधी दस्तावेज शामिल हैं।
अरुणपति त्रिपाठी के साथ अनवर ढेबर और अरविंद सिंह कोर्ट में पेश
इधर, शुक्रवार को एसीबी और ईओडब्ल्यू की गिरफ्त में आए अरुणपति त्रिपाठी के साथ कारोबारी अनवर ढेबर और अरविंद सिंह को कोर्ट पेश किया गया। बताया जा रहा है कि अनवर ढेबर और अरविंद सिंह को तीसरी बार रिमांड पर लेने की पूरी तैयारी की गई है, क्योंकि बिहार से अरुणपति त्रिपाठी की गिरफ्तारी के बाद उसे भी रिमांड पर लिया जाएगा। तीनों को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ करने के संकेत अधिकारियों ने दिए है। गुरुवार को आबकारी विभाग के पूर्व सचिव अरुणपति (एपी) त्रिपाठी को गिरफ्तार किया गया। त्रिपाठी, बिहार के गोपालगंज के भोरे में अपने एक रिश्तेदार के यहां छिपे थे।