Sandeshkhali case: High Court had ordered CBI investigation, Mamata government reached SC against HC order
सीबीआई जांच का निर्देश दिया गया था. इस याचिका पर सोमवार को सुनवाई होगी. सीबीआई संदेशखाली में महिलाओं के खिलाफ अपराध और जमीन कब्जाने के आरोपों की जांच कर रही है.सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई सोमवार (29 अप्रैल, 2024) को जुलाई के दूसरे सप्ताह के लिए टल गई. राज्य सरकार ने 1 सप्ताह तक टालने का अनुरोध किया था .
कलकत्ता हाईकोर्ट के संदेशखाली में महिलाओं के खिलाफ अपराध और जमीन हड़पने के आरोपों की सीबीआई जांच का निर्देश देने के खिलाफ पश्चिम बंगाल सरकार की एक याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सोमवार को सुनवाई करेगा। जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच के इस मामले की सुनवाई करने की संभावना है। शीर्ष अदालत के सामने अपनी याचिका में बंगाल सरकार ने कहा है कि हाईकोर्ट के 10 अप्रैल, 2024 के आदेश ने पुलिस फोर्स सहित पूरे राज्य तंत्र को हतोत्साहित किया है।राज्य सरकार इसका विरोध कर रही है. दरअसल, संदेशखाली की कई महिलाओं ने आरोप लगाया है कि सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस (TMC) का निलंबित नेता शेख शाहजहां और उसके साथियों ने यौन उत्पीड़न किया और जमीन हड़पी है.
याचिका में कहा गया है, “हाई कोर्ट ने एक बहुत ही सामान्य आदेश में राज्य को बिना किसी दिशानिर्देश के सीबीआई को आवश्यक सहायता प्रदान करने का निर्देश दिया, जो संदेशखाली में किसी भी संज्ञेय अपराध की जांच करने के लिए राज्य पुलिस की शक्तियों को हड़पने के समान है.”
हाईकोर्ट ने दिया था सीबीआई जांच का आदेश
बता दें कि 10 अप्रैल को कलकत्ता उच्च न्यायालय ने संदेशखाली के सभी मामलों की सीबीआई जांच का आदेश दिया था. उस मामले में हाईकोर्ट ने राज्य को सीबीआई को हर संभव सहायता प्रदान करने का आदेश दिया है. साथ ही हाई कोर्ट ने सीबीआई को एक पोर्टल बनाने का निर्देश दिया था, ताकि लोग सीधे शिकायत दर्ज कर सकें. मूल रूप से जमीन कब्जाने, यौन उत्पीड़न, खेती की जमीन हड़पने के सभी आरोपों के आधार पर हाई कोर्ट ने जांच करने को कहा था. इसके बाद सीबीआई को ईमेल पर 50 शिकायतें मिली है. सीबीआई ने इन शिकायतों के आधार पर पांच लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है.
इस बीच, सीबीआई ने शुक्रवार को संदेशखाली में शेख शाहजहां के एक करीबी रिश्तेदार के घर पर छापा मारा और बड़ी मात्रा में फायर आर्म्स और बम बरामद किए. उन्हें निष्क्रिय करने के लिए एनएसजी को तैनात किया गया था. यह शाहजहां शेख के करीबी का घर था. सीबीआई सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय एजेंसी सोमवार को बशीरहाट कोर्ट में आर्म्स एक्ट और एक्सप्लोसिव एक्ट जोड़ने की अर्जी दाखिल कर सकती है. इसके साथ ही संदेशखाली में ईडी पर हमले के
मामलों में यह नई धारा जुड़ने जा रही है.
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी साफ किया कि यहां मामला लंबित होने को आधार बना कर राज्य की ममता बनर्जी सरकार हाईकोर्ट में कोई लाभ लेने की कोशिश नहीं करेगी. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने इस बात पर हैरानी जताई कि किसी निजी व्यक्ति के खिलाफ हो रही जांच का राज्य सरकार विरोध कर रही है.