14 products of Patanjali Ayurved whose licenses were cancelled, decision taken due to misleading advertisement case, license of these products suspended
पतंजलि की दिव्य फार्मेसी कंपनी को बड़ा झटका लगा है. कंपनी के 14 प्रोडक्ट्स पर राज्य की लाइसेंस ऑथोरिटी ने बैन लगा दिया है. इसमें दिव्य फार्मेसी की खांसी की दवा से लेकर कई तरह की टैबलेट शामिल हैं. दिव्य फार्मेसी की दवाओं पर भ्रामक विज्ञापन मामले में बैन लगाया गया है. दरअसल, आयुर्वेदिक उत्पादों के भ्रामक प्रचार के मामले में सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद उत्तराखंड सरकार ने पतंजलि पर एक बड़ी कार्रवाई की है. राज्य सरकार की ओर से कार्रवाई करते हुए तत्काल प्रभाव से पतंजलि के 14 उत्पादों की मैन्युफैक्चरिंग लाइसेंस निलंबित कर दिया गया है. यह जानकारी उत्तराखंड सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में सोमवार शाम हलफनामा दायर कर दी गई है.
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लिहाजा इन औषधियों के निर्माणाज्ञा को ड्रग्स एवं कॉस्मेटिक एक्ट 1945 की धारा 159 (1) के प्राविधानुसार तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है. दिव्य फॉर्मेसी को आदेश दिए गए हैं कि इन सभी उत्पादों के निर्माण को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया जाए और योगों की मूल फॉर्मेशन शीट प्राधिकरण के समक्ष जमा कराई जाए.
इन प्रोडक्ट्स का लाइसेंस सस्पेंड
-श्वासारि गोल्ड (Swasari Gold)
-श्वासारि वटी (Swasari vati)
-ब्रोंकोम (Bronchom)
-श्वासारि प्रवाही (Swasari Pravahi)
-श्वासारि अवलेहा (Swasari Avaleh)
-मुक्ता वटी एक्स्ट्रा पावर (Mukta Vati Extra Power)
-लिपिडोम (Lipidom)
-बीपी ग्रिट (Bp Grit)
-मधुग्रिट (Madhugrit)
-मधुनाशिनी वटी एक्स्ट्रा पावर (Madhunashini Vati Extra Power)
-लिवामृत एडवांस (Livamrit Advance)
-लिवोग्रिट (Livogrit)
-आईग्रिट गोल्ड (Eyegrit Gold)
-पतंजलि दृष्टि आई ड्रॉप (Patanjali Drishti Eye Drop)
इस आदेश में कहा गया है कि बार-बार नियमों के उल्लंघन पर लाइसेंस रद्द किया गया है. इससे पहले 10 अप्रैल को राज्य सरकार ने कंपनी को नोटिस जारी करके जवाब मांगा था. लाइसेंस अथॉरिटी ने सुप्रीम कोर्ट में भी हलफनामा दायर किया है.
लाइसेंस ऑथोरिटी ने क्या कहा?
लाइसेंस ऑथोरिटी ने बैन लगाते हुए कहा कि 10 अप्रैल, 2024 को उच्चतम न्यायालय के समक्ष उपस्थित होकर दिव्य फार्मेसी तथा पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड द्वारा किए गए भ्रामक विज्ञापनों के संबंध में कृत कार्यवाही से माननीय उच्चतम न्यायालय को अवगत कराया गया था, जिससे जुड़ी ये कार्रवाई की गई है.
क्या है मामला?
दरअसल, हाल ही में पतंजलि को भ्रामक विज्ञापन मामले में सुप्रीम कोर्ट ने माफ़ी मांगने को कहा था. पतंजलि ने विज्ञापन में दावा किया गया कि पतंजलि की दवाओं से लोगों का शुगर, हाई ब्लड प्रेशर, थायराइड, लीवर सिरोसिस, गठिया और अस्थमा ठीक हो गया है. लेकिन, डॉक्टरों के निकाय ने कहा कि पतंजलि ने अपने उत्पादों से कुछ बीमारियों के इलाज के बारे में लगातार झूठे दावे किए हैं.