GST Collection: GST broke all records in the month of April, for the first time Rs 2.10 lakh crore came into the government treasury, government was happy with the record GST collection.
देश में गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) कलेक्शन के आंकड़े ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं और यह अब तक के सर्वाधिक उच्च स्तर पर आ गया है. अप्रैल 2024 में जीएसटी कलेक्शन 2.10 लाख करोड़ रुपये पर आया है.
रिकॉर्ड GST कलेक्शन से खुश हुई सरकार
रिकॉर्ड जीएसटी कलेक्शन से सरकार को बेहद खुशी हुई है और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस आंकड़े को अपने एक्स अकाउंट पर पोस्ट करके खुशी जाहिर की है।
गौरतलब है कि जीएसटी को 01 जुलाई 2017 को लागू किया गया था। इसने अप्रत्यक्ष कर की कई जटिलताओं को दूर किया। इस नई प्रणाली से वैट (VAT), एक्साइज ड्यूटी (कई चीजों पर) और सर्विस टैक्स जैसे 17 टैक्स खत्म हो गए। छोटे उद्योग-धंधों को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने 40 लाख रुपए के सालाना टर्नओवर वाले बिजनेस को जीएसटी के दायरे से मुक्त कर दिया था। माल एवं सेवा कर (GST) को लागू करते हुए कहा गया था कि इससे न सिर्फ केंद्र सरकार को बल्कि राज्य सरकारों को भी राजस्व के मोर्चे पर लाभ होगा।
राज्यवार जीएसटी संग्रह अप्रैल 2024
वित्त मंत्रालय की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, महाराष्ट्र से 37,671 करोड़ रुपये का जीएसटी संग्रह हुआ है। वहीं, कर्नाटक से 15,978 करोड़, गुजरात से 13,301 करोड़, उत्तर प्रदेश से 12,290 करोड़, तमिलनाडु से 12,210 करोड़, हरियाणा से 12,168 करोड़, दिल्ली से 7,772 करोड़, पश्चिम बंगाल से 7,293 करोड़, तेलंगाना से 6,236 करोड़, ओडिशा से 5,902 करोड़, राजस्थान से 5,558 करोड़,आन्ध्र प्रदेश से 4,850 करोड़, मध्य प्रदेश से 4,728 करोड़, छत्तीसगढ़ से 4,001 करोड़ रुपये और झारखंड से 3,829 करोड़ रुपये का संग्रह हुआ है।
जीएसटी कलेक्शन का बनाया रिकॉर्ड
लोकसभा चुनाव के बीच अप्रैल के महीने में जीएसटी कलेक्शन पहली बार 2 लाख करोड़ रुपए पार करते हुए 2.10 लाख करोड़ रुपए के पार पहुंच गया है. आज से पहले जीएसटी कलेक्शन 2 लाख करोड़ रुपए पर कभी नहीं पहुंचा है. जीएसटी कलेक्शन में साल-दर-साल 12.4 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिली है. रिफंड के बाद, अप्रैल 2024 के लिए नेट जीएसटी रेवेन्यू का आंकड़ा 1.92 लाख करोड़ रुपपए है, जो पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 17.1 फीसदी ज्यादा है.
जीएसटी संग्रह बढ़ने का कारण
पीआईबी की प्रेस रिलीज में दी गई जानकारी में बताया गया है कि जीएसटी संग्रह बढ़ने का कारण मजबूत घरेलू लेनदेन का होना है। इसमें सालाना आधार पर 13.4 प्रतिशत की बढ़त देखने को मिली है। आयात लेनदेन में सालाना आधार पर 8.3 प्रतिशत की बढ़त हुई है। जीएसटी संग्रह में सेंट्रल जीएसटी संग्रह 43,846 करोड़, स्टेट जीएसटी संग्रह 53,538 करोड़ और आईजीएसटी संग्रह 99,623 करोड़ रुपये का रहा है।