Jharkhand ED Raid: Cash everywhere in Ranchi! Jharkhand minister Alamgir’s personal secretary’s ‘millionaire servant’, ED raid in Ranchi
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार (6 मई) को झारखंड की राजधानी रांची में कई जगहों पर छापेमारी की. इस दौरान झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री और राज्य के वरिष्ठ कांग्रेस नेता आलमगीर आलम के निजी सचिव संजीव लाल के घरेलू सहायक के यहां रेड मारी गई. ईडी को यहां से भारी मात्रा में नकदी मिली है. जांच एजेंसी की तरफ से वीरेंद्र राम मामले को लेकर मंत्री आलमगीर आलम पर शिकंजा कसा गया है.

ईडी झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्रालय के चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम को फरवरी 2023 में गिरफ्तार किया था. उसकी गिरफ्तारी मनी लॉन्ड्रिंग मामले में हुई थी. जांच एजेंसी ने कुछ योजनाओं को लागू करने में कथित अनियमितताओं से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में वीरेंद्र राम के खिलाफ एक्शन लिया था. एजेंसी ने 2019 में उसके एक सब ऑर्डिनेट से भी भारी मात्रा में नकदी भी बरामद की थी. बाद में, ईडी ने पीएमएलए के तहत इस केस को अपने हाथ में ले लिया.
देश में चल रहे चुनाव के बीच झारखंड सरकार के मंत्री आलमगीर आलम के कई ठिकानों पर ED की रेड हुई है। इस दौरान ED को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। छापेमारी में भारी मात्रा में कैश बरामद की हुआ है। इस दौरान अभी तक ED ने 20 करोड़ कैश बरामद कर लिए हैं जबकि नोटों की गिनती जारी है।
ईडी ने आलमगीर आलम के पीएस के सहायक समेत कई और ठिकानों पर छापेमारी की है। जिसमें राज्य के पथ निर्माण विभाग में इंजीनियर विकास कुमार के रांची स्थित आवास पर भी छापेमारी चल रही है।
मिली जानकारी के अनुसार सोमवार को ईडी की टीम ने रांची के पीपी कंपाउंड में मुन्ना सिंह के ठिकानों पर दबिश दी, जहां से 3 करोड़ रुपये कैश मिला है. बताया जा रहा है कि मुन्ना सिंह झारखंड सरकार के मंत्री आलमगीर आलम के ओएसडी संजीव लाल का करीबी है और उनका बिजनेस पार्टनर भी रहा है.
बता दें, रांची में ईडी की टीम आज सुबह से 3 से 4 लोकेशन में छापेमारी कर रही है. जानकारी के अनुसार ईडी ने रांची के सेल सिटी और बरियातू इलाके में रेड मारी है. बताया जा रहा है कि सेल सिटी में पथ निर्माण विभाग के इंजीनियर विकास कुमार के आवास पर छापेमारी हुई है. ईडी की यह कार्रवाई विरेंद्र राम से जुड़े मामले में छापेमारी से जुड़े होने की बात सामने आ रही है.
वीरेंद्र राम के करीबी के यहां से मिले थे ढाई करोड़ रुपए
मनी लॉन्ड्रिंग का मामला राज्य सतर्कता ब्यूरो की शिकायत से जुड़ा है, जिसमें सरकारी काम के अनुदान के बदले में कुछ कथित कमीशन का भुगतान किया गया था. वीरेंद्र राम 2019 में सुर्खियों में आए थे. एसीबी ने उनके एक अधीनस्थ से 2.50 करोड़ रुपए से अधिक जब्त किए थे. बाद में, ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत मामले को अपने हाथ में ले लिया. कथित तौर पर राम के राजनेताओं से लेकर नौकरशाही तक मजबूत संबंध रहे, जिसके कारण वह ग्रामीण विकास विभाग के टेंडरों का प्रबंधन कर रहा था.
निलंबित चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम ने झारखंड के ग्रामीण इलाकों में सड़क निर्माण और अन्य टेंडर जारी करने के बदले .3 परसेंट से लेकर 1 परसेंट तक कमीशन लेने की बात कबूल की थी.ईडी ने बाद में वीरेंद्र राम की करोड़ों रुपए की चल-अंचल संपत्ति भी अटैच की थी. ईडी को शक है कि पिछले साल झारखंड के ग्रामीण इलाकों में सड़कों के निर्माण के लिए 10 हजार करोड़ का भी टेंडर अलॉट किए गए, जिनमें मोटा कमीशन लिया गया. ईडी को शक था कि निलंबन के बावजूद वीरेंद्र राम अभी भी टेंडर रैकेट से जुड़े थे.