EOW gets 4 days remand…shock to suspended IAS Ranu Sahu, Soumya Chaurasia,
रायपुर। छत्तीसगढ़ के चर्चित कोयला घोटले में निलंबित आईएएस रानू साहू, सौम्या चौरसिया को कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने रानू साहू और सौम्या चौरसिया को चार दिनों की रिमांड पर EOW को सौंपा है। 27 मई तक अब EOW की टीम दोनों अफसरों से पूछताछ करेगी। मालूम हो कि ईओडब्ल्यू ने कोयला घोटाले मामले में 15 दिनों की रिमांड कोर्ट से मांगी थी।
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उल्लेखनीय है कि ईडी ने 21 जुलाई 2023 को रानू साहू के देवेंद्र नगर स्थित सरकारी आवास पर छापा मारा था। करीब चौबीस घंटें की जांच के बाद ईडी ने 22 जुलाई 2023 की सुबह उन्हें गिरफ्तार कर लिया। बताते चले कि 21 जुलाई को रानू साहू के यहां दूसरी बार छापा पड़ा है। इससे पहले रायगढ़ कलेक्टर रहते ईडी ने उनके रायगढ़ स्थित बंगले सहित अन्य स्थानों पर छापा मारा था।
वहीँ, स्टेट एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस (एसएएस) की अधिकारी सौम्या सौरसिया को केंद्रीय प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 2 दिसंबर 2022 को गिरफ्तार किया था। सौम्या तब से जेल में हैं। सौम्या को जब गिरफ्तार किया गया तब वे मुख्यमंत्री सचिवालय में उप सचिव थीं।
जाने क्या लिखा है ईओडब्ल्यू-एसीबी ने एफआईआर में
ईडी की रिपोर्ट के आधार पर दर्ज एफआईआर में ईओडब्ल्यू-एसीबी ने लिखा है कि सूर्यकांत तिवारी, सौम्या चौरसिया, समीर बिश्नोई एवं खनिज विभाग के अधिकारीगण एवं अन्य के विरूद्ध छ.ग. राज्य में कोयला लेवी स्केम क तहत कार्यवाही कर 11 आरोपियों को गिरफ्तार कर लगभग 222 करोड़ रूपये की संपत्ति का अटैचमेंट किया गया है। सूर्यकांत तिवारी ने अपने राजनितिक प्रभाव का उपयोग कर सौम्या चौरसिया, तत्कालीन उप सचिव, मुख्य मंत्री कार्यालय, समीर बिश्नोई, आई.ए.एस. खनिज विभाग के अधिकारीगण, रानू साहू, तत्कालीन कलेक्टर कोरबा और अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर राजनितिक हत्तियों के संरक्षण में अपराधिक षड्यंत्र किया। समीर बिश्नोई तत्कालीन खनिज निदेशक साथ मिलकर सिंडीकेट के रूप में कार्य कर 15.07.2020 को खनिज के डी.ओ. एवं ट्रांसपोर्ट परमिट को ऑनलाईन के स्थान पर मैनुअल पद्धति से जारी करन का आदेश पारित कराया गया। इस के लिए ऑनलाईन सिस्टम में एरर होना दर्शाया गया। प्रवर्तन निदेशालय ने पाया है कि राज्य के रायगढ़, कोरबा, सूरजपूर जैसे कोयला बहुमूल्य क्षेत्रों में जिला खनिज अधिकारियों द्वारा खनिज निदेशालय से जारी उक्त मैनुअल डी.ओ. एवं परनिट से संबंधित आदेश को आधार बना कर कोग्ला ट्रांसपोटरों से 25 रुपये प्रति टन के हिसाब से अवैध वसूली की।
8 दिन तक की गई पूछताछ
जानकारी के मुताबिक, ईओडब्ल्यू ने कोर्ट से 5 दिन और उसके बाद 3 दिन तक पूछताछ करने के मंजूरी मांगी थी। इस केस में निलंबित आईएस समीर विश्नोई, शिवशंकर नाग और सूर्यकांत तिवारी भी शामिल हैं। इधर, बचाव पक्ष के वकील फैजल रिजवी का साफ तौर पर कहना है कि, गिरफ्तार करने के बाद 5 जून तक की रिमांड मांगी गई है।
रिमांड पर आपत्ति जताई
दरअसल, सौम्या चौरसिया की एक बार फिर गिरफ्तारी की गई है। क्योंकि उन्हें कोर्ट में पेश कर हाईकोर्ट का फाइनल फैसला सुनाना है। लेकिन तथ्य नहीं होने के बाद भी 3 दिन तक पूछताछ की है। इसी कारण पक्ष के वकील ने रिमांड पर अपनी असहमति जताई है।
मनी लॉन्ड्रिंग केस में जांच जारी
इस मसले पर ईडी ने कारोबारी सूर्यकांत तिवारी, पूर्व अधिकारी सौम्य चौरसिया, आईएस समीर विश्नोई समेत 11 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनके पास जो करोड़ों की संपत्ति है। इसकी जांच कई दिनों से जारी है। वहीं मनी लॉन्ड्रिंग केस में बड़े पैमाने पर शिकायत दर्ज हुई थी।
जानिए क्या है पूरा मामला
दरअसल, ईओडब्ल्यू में दर्ज एफआईआर में डीएमएफ में 40 प्रतिशत कमीशनखोरी का आरोप लगा है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की रिपोर्ट के आधार पर दर्ज इस एफआईआर के अनुसार डीएमएफ कोरबा के फंड से विभिन्न निविदाओं के आंबटन में बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितताएं की गई है । गलत ढंग से निविदाओं को निर्धारण कर निविदाकर्ताओं को अवैध लाभ पहुंचाया गया है, जिसके कारण शासन को आर्थिक हानि कारित हुई है।
नीचे पढ़ें रिपोर्ट
रिपोर्ट के अनुसार कुल निविदा राशि में लगभग 40 प्रतिशत की राशि लोकसेवक अधिकारीगणों को इस एवज में प्रदान किया गया तथा निजी कम्पनी के द्वारा निविदाओं पर 15 से 20 प्रतिशत अलग-अलग दरों से कमीशन प्राप्त किया गया है। छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों में डी.एम.एफ. में काफी अधिक मात्रा में वित्तीय अनियमितता की गई है तथा शासन को हानि कारित की गई है।