Indian-origin Sunita Williams will fly to NASA’s ISS tonight, she will travel to space for the third time,
भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स एक बार फिर अंतरिक्ष में उड़ान भरने जा रही हैं। वह नासा के ‘स्टारलाइनर’ से शनिवार को अंतरिक्ष में उड़ान भरेंगी, जो फ्लोरिडा के केनेडी स्पेस सेंटर से आज रात 10 बजे उड़ान भरेगा। इससे पहले अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा और विमान निर्माता कंपनी बोइंग के संयुक्त मिशन में कुछ दिक्कतें आई थीं।
सात मई को अंतरिक्ष यान के ऑक्सीजन वाल्व में तकनीकी खामी के कारण उनकी उड़ान को रोक दिया गया था। मिशन को लेकर अमेरिका के स्पेस एजेंसी नासा ने कहा, “अगर सब सही रहा तो स्टारलाइनर अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन पर डॉक कर जाएगा, जिसके बाद सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर अपने साथियों के साथ स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान और उसके उप-प्रणालियों का परीक्षण करने के लिए लगभग एक सप्ताह तक स्टेशन पर रहेंगे।”
नासा के अनुसार, परिक्रमा कर रहे अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) के लिए उड़ान आज भारतीय मानक समय के अनुसार रात 10 बजे फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर से उड़ान भरने वाली है। विलियम्स और नासा के साथी अंतरिक्ष यात्री बुच विल्मोर अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी के वाणिज्यिक चालक दल कार्यक्रम के हिस्से के रूप में स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान पर सवार होने वाले पहले इंसान होंगे।
स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान को रॉकेट कंपनी यूनाइटेड लॉन्च अलायंस (यूएलए) के एटलस 5 रॉकेट पर अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। यह रविवार को आईएसएस से डॉक करेगा और अंतरिक्ष यात्री लगभग एक सप्ताह तक आईएसएस में कई तरह के परीक्षण करेंगे। नासा ने कहा कि इसके बाद स्टारलाइनर आईएसएस से अलग होकर पृथ्वी के वायुमंडल में वापस आएगा और 10 जून को दक्षिण-पश्चिमी संयुक्त राज्य अमेरिका में पैराशूट और एयरबैग की सहायता से लैंडिंग करेगा।
एटलस-5 रॉकेट से होगी लॉन्चिंग
बता दें कि स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान को रॉकेट कंपनी यूनाइटेड लॉन्च अलायंस (ULA) के एटलस-5 रॉकेट से अंतरिक्ष में भेजा जाएगा. यह रविवार को आईएसएस के साथ जुड़ जाएगा और अंतरिक्ष यात्री लगभग एक सप्ताह तक आईएसएस में कई परीक्षण करेंगे. नासा ने कहा कि इसके बाद स्टारलाइनर आईएसएस से निकलकर पृथ्वी के वायुमंडल में फिर से प्रवेश करेगा और 10 जून को दक्षिण-पश्चिमी संयुक्त राज्य अमेरिका में पैराशूट और एयरबैग की सहायता से लैंडिंग करेगा.
मिशन के सफल होने पर आगे की तैयारी करेगा नासा
अगर यह मिशन सफल होता है, तो नासा अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए क्रू रोटेशन मिशनों के लिए स्टारलाइनर और उसके सिस्टम को प्रमाणित करने की अंतिम प्रक्रिया शुरू कर देगा. बता दें कि स्टारलाइनर कैप्सूल नासा मिशन के लिए चार अंतरिक्ष यात्रियों या चालक दल और कार्गो को एक साथ पृथ्वी की कक्षा में ले जाएगा. फ्लोरिडा में नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से प्री-लॉन्च मीडिया ब्रीफिंग के दौरान एक घोषणा के अनुसार, नासा, बोइंग और यूएलए (यूनाइटेड लॉन्च अलायंस) 1 जून को एजेंसी के बोइंग क्रू फ्लाइट टेस्ट के लॉन्च के लिए तैयार हैं.
मीडिया ब्रीफिंग के दौरान नासा के कमर्शियल क्रू प्रोग्राम के मैनेजर स्टीव स्टिच ने कहा, “मुझे उन टीमों पर बहुत गर्व है जिन्होंने लॉन्च की तैयारी के लिए पिछले ढाई सप्ताह में कड़ी मेहनत की है. हम वास्तव में उड़ान भरने के लिए तैयार हैं.” बता दें कि एकीकृत यूएलए एटलस 5 रॉकेट और स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान स्टैक को 30 मई को लिफ्टऑफ कर केप कैनावेरल स्पेस फोर्स स्टेशन के स्पेस लॉन्च कॉम्प्लेक्स -41 में पैड पर लाया गया.
7 मई को टालना पड़ा था मिशन
बता दें कि पहले इस मिशन को 7 मई को लॉन्च किया जाना था, लेकिन बोइंग स्टारलाइनर की क्रूड टेस्ट फ्लाइट (सीएफटी) के मिशन प्रबंधकों ने एटलस 5 रॉकेट के ऊपरी चरण में वाल्व की गड़बड़ी के कारण निर्धारित लॉन्च से सिर्फ दो घंटे मिशन को रोक दिया गया था. बोइंग ने अपने बयान में कहा कि वाल्व को 11 मई को सफलतापूर्वक बदल दिया गया. इसके बाद इसकी जांच की गई कि ये ठीक से काम कर रहा है या नहीं.
सुनाती विलियम्स के नाम दर्ज है खास रिकॉर्ड
सुनीता विलियम्स अंतरिक्ष में रिकॉर्ड 322 दिन बिता चुकी हैं और उनके पास सबसे ज्यादा घंटे तक स्पेसवॉक करने वाली महिला वैज्ञानिक होने का रिकॉर्ड है। विलियम्स पहली बार 9 दिसंबर 2006 को अंतरिक्ष में गईं थी और 22 जून 2007 तक अंतरिक्ष में रहीं थी। सुनिता विलियम्स ने चार बार रिकॉर्ड 29 घंटे और 17 मिनट तक स्पेसवॉक किया था। इसके बाद सुनीता विलियम्स 14 जुलाई 2012 को दूसरी बार अंतरिक्षयात्रा पर गईं और 18 नवंबर 2012 तक अंतरिक्ष में रहीं थी। 59 वर्षीय सुनीता विलियम्स ने बताया कि उड़ान से पहले वह थोड़ी नर्वस थीं, लेकिन साथ ही नए अंतरिक्षयान में उड़ान को लेकर वह उत्साहित भी थीं। विलियम्स ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन उनके लिए दूसरे घर जैसा है।
तीसरी बार भरेंगी अंतरिक्ष यान में उड़ान
बता दें कि सुनीता विलियम्स तीसरी बार अंतरिक्ष में उड़ान भरने वाली है। इसी के साथ उनके पास न्यू स्पेस शटल के पहले चालक दल वाले मिशन पर उड़ान भरने वाली पहली महिला के रूप में इतिहास रचने का मौका है। सुनीता ने बताया कि वह थोड़ी सी घबराई हुई हैं, लेकिन नए अंतरिक्ष यान में उड़ान भरने को लेकर उत्साहित हैं। उन्होंने आगे कहा, “जब मैं अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पहुंचूंगी, तो यह घर वापस जाने जैसा होगा।” 59 वर्षीय सुनीता ने स्टारलाइल को डिजाइन करने में इंजीनियरों की मदद की। इस 10 दिन के मिशन में स्टारलाइनर को अपनी अंतरिक्ष योग्यता साबित करने का मौका मिलेगा। इसी के आधार पर उसे नासा प्रमाणन दिया जाएगा।