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विवाहित महिलाओं को जॉब देने से किया इंकार, श्रम मंत्रालय ने मांगी रिपोर्ट, विवादों में घिरे Foxconn ने दी सफाई, कंपनी में महिला कर्मचारियों की संख्या भी बताई

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Refusal to give jobs to married women, Labor Ministry sought a report, Foxconn surrounded by controversies gave clarification, also disclosed the number of women employees in the company

भारत में एप्पल के आईफोन (Apple iPhone) असेंबली प्लांट का संचालन फॉक्सकॉन (Foxconn) करती है। अब यह कंपनी विवादों में घिर चुकी है। कंपनी पर आरोप लगाया कि वह विवाहित महिलाओं को नौकरी नहीं देती है। इस आरोप को लेकर कंपनी ने सफाई पेश की।

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फॉक्सकॉन ने सरकार को सूचित किया है कि उसके नए कर्मचारियों में से 25 फीसदी विवाहित महिलाएं हैं। कंपनी ने उनकी सुरक्षा प्रोटोकॉल का पूरी तरह से ध्यान रखा है। इसके अलावा कंपनी ने बताया कि वह लिंग या धर्म को लेकर कोई भेदभाव नहीं करता है।

सूत्रों का हवाला देते हुए कहा कि फॉक्सकॉन ने सरकार को सूचित किया है कि उसके नए कर्मचारियों में से 25 फीसदी विवाहित महिलाएं हैं। कंपनी ने उनकी सुरक्षा प्रोटोकॉल का पूरी तरह से ध्यान रखा है। इसके अलावा कंपनी ने बताया कि वह लिंग या धर्म को लेकर कोई भेदभाव नहीं करता है।

Foxconn ने दी सफाई
सूत्रों के अनुसार Foxconn ने सरकार को बताया कि उनकी हाइरिंग पॉलिसी में ऐसा कोई शर्त नहीं हैं कि विवाहित महिला को हायर नहीं किया जाएगा। कंपनी ने बोला यह उन लोगों ने दावा किया होगा जिनकों काम पर नहीं रखा गया है। कंपनी ने मीडिया रिपोर्ट्स का खंडन करते हुए कहां कि इस तरह की रिपोर्ट्स भारतीय मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर को बदनाम करती है।

सूत्रों में से एक ने कहा कि फॉक्सकॉन ने स्पष्ट किया था कि उसके नवीनतम नियुक्तियों में से 25 प्रतिशत विवाहित महिलाएं हैं। इसका मतलब यह है कि कंपनी में कुल महिलाओं में से लगभग एक तिहाई विवाहित हैं।

वर्तमान में फॉक्सकॉन फैक्ट्री में लगभग 70 फीसदी महिलाएं और 30 प्रतिशत पुरुष हैं। आपको बता दें कि देश में महिला रोजगार के लिए यह सबसे बड़ी फैक्ट्री है। इस प्लांट में लगभग 45,000 श्रमिक हैं।

राज्य सरकार से तलब की रिपोर्ट
श्रम मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि उसने कई मीडिया रिपोर्टों पर ध्यान दिया है, जिसमें दावा किया गया है कि तमिलनाडु में फॉक्सकॉन इंडिया एप्पल आईफोन प्लांट (Foxconn India iPhone Plant) में शादीशुदा महिलाओं को जॉब ऑफर नहीं किए जा रहे हैं. इन रिपोर्टों में शेयर की गई जानकारी को लेकर मंत्रालय ने तत्काल तमिलनाडु सरकार के श्रम विभाग से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. मंत्रालय की ओर से बुधवार को जारी अधिसूचना में कहा गया है कि समान पारिश्रमिक अधिनियम, 1976 की धारा 5 में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि पुरुष और महिला श्रमिकों की भर्ती करते समय कोई भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए.

तमिलनाडु के चेन्नई प्लांट का ये पूरा मामला
श्रम मंत्रालय की ओर से साफ कहा गया है कि राज्य सरकार इस अधिनियम के प्रावधानों के प्रवर्तन और प्रशासन के लिए उपयुक्त प्राधिकारी है, इसलिए राज्य सरकार से डिटेल्ड रिपोर्ट मांगी गई है. गौरतलब है कि मंगलवार को रॉयटर्स की एक जांच रिपोर्ट से जानकारी दी गई थी कि फॉक्सकॉन ने चेन्नई के पास अपने आईफोन प्लांट में विवाहित महिलाओं को नौकरियों से बाहर रखा है. कंपनी का मानना है कि विवाहित महिलाओं के पास अविवाहित महिलाओं के मुकाबले अधिक पारिवारिक जिम्मेदारियां होती हैं, इसलिए कंपनी उन्हें काम नहीं देना चाहती.

दो शादीशुदा बहनों का जिक्र
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, आईफोन (iPhone) निर्माता कंपनी ऐपल इंक के लिए असेंबलिंग का काम करने वाली फॉक्सकॉन (Foxconn) में शादीशुदा महिलाओं (Married Women) की जॉब एप्लीकेशन को ही रिजेक्ट कर दिया जाता है. चेन्नई के प्लांट में ये भेदभाव का मामला उजागर हुआ है, जो कंपनी दी गैर-भेदभावपूर्ण भर्ती के लिए सार्वजनिक रूप से बताई गई प्रतिबद्धता के विपरीत है. लेकिन, जांच में सामने आया है कि Apple और Foxconn दोनों 2023 और 2024 में इस तरह के मामले सामने आए.

इस रिपोर्ट में दो बहनों पार्वती और जानकी का जिक्र किया गया है, जो 20 साल की हैं. उन्हें फॉक्सकॉन की चेन्नई स्थित iPhone फैक्ट्री में इस भेदभाव का सामना करना पड़ा था. बीते साल मार्च 2023 में व्हाट्सएप पर नौकरी के विज्ञापन देखने के बाद ये दोनों बहनें इंटरव्यू के लिए इस प्लांट में पहुंची थीं, लेकिन मैनगेट पर मौजूद सुरक्षा अधिकारी ने उन्हें इंटरव्यू नहीं देने दिया और गेट से ही वापस लौटा दिया. रिपोर्ट में कहा गया है कि उस अधिकारी ने दोनों से सवाल किया था कि ‘क्या आप शादीशुदा हैं?’ हां, में जबाव देते ही उसने दोनों शादीशुदा महिलाओं को वापस जाने के लिए कह दिया.

जांच में ऐसी हुई भेदभाव की पुष्टि
पार्वती के मुताबिक, उन्हें ये नौकरी सिर्फ इसलिए नहीं दी गई, क्योंकि वे दोनों शादीशुदा हैं. इस बारे में बात करते हुए उन्होंने आगे कहा कि इस मामले में वहां के कई लोगों को पता है और इंटरव्यू के लिए जिस ऑटो से वे दोनों फैक्ट्री में पहुंची थीं, उस ऑटो के ड्राइवर ने भी उन्हें फॉक्सकॉन के शादीशुदा महिलाओं के प्रति पक्षपातपूर्ण रवैये के बारे में चेतावनी दी थी और हुआ भी कुछ ऐसा ही. रिपोर्ट के मुताबिक, फॉक्सकॉन इंडिया के पूर्व HR कार्यकारी एस. पॉल ने भी इस तरह की प्रथा की पुष्टि की है और कहा है कि Foxconn का मानना ​​है कि पारिवारिक जिम्मेदारियों और संभावित गर्भधारण के कारण विवाहित महिलाएं रिस्क फैक्टर पैदा करती हैं.

एस पॉल के इन दावों का समर्थन फॉक्सकॉन की विभिन्न हायरिंग एजेंसियों के 17 कर्मचारियों और 4 वर्तमान और पूर्व HR अधिकारियों ने भी किया है. उन्होंने कहा शादीशुदा महिलाओं के ऊपर युवा महिलाओं की तुलना में ज्यादा जिम्मेदारियां होती हैं और कार्य प्रभावित न हो इसके लिए इन्हें भर्ती प्रक्रिया से दूर ही रखा जाता है.

श्रम मंत्रालय ने जारी किया नोटिस

श्रम मंत्रालय ने कहा कि समान पारिश्रमिक अधिनियम 1976 (Equal Remuneration Act 1976) रोजगार में पुरुषों और महिलाओं के बीच भेदभाव को रोकता है। श्रम मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि फॉक्सकॉन द्वारा विवाहित महिलाओं को दूर रखने के आरोप की पुष्टि के लिए एक रिपोर्ट मांगी गई है और समान वेतन कानून को लागू करने के लिए राज्य सरकार उपयुक्त अथॉरिटी है।

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