Budget session of Parliament begins, ‘We have fought all the battles we had to; now just work for the country’, PM Modi’s direct message to opposition MPs before the budget session
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को बजट सत्र शुरू होने से पहले हंगामे पर विपक्षी संसदों को कड़ा संदेश दिया. दोनों सदनों की कार्यवाही शुरू होने से पहले संसद भवन परिसर में मीडिया को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आज संसद के मॉनसून सत्र का आरंभ हो रहा है. देश बहुत बारीकी से देख रहा है कि संसद का ये सत्र सकारात्मक हो, सृजनात्मक हो, और देशवासियों को सिद्ध करने के लिए एक मजबूत नींव रखने वाला हो. पीएम ने कहा कि चुनाव खत्म हो चुका है, लेकिन अब अगले साढ़े चार साल देश के लिए काम करने का वक्त है. उन्होंने कहा कि जनवरी 2029, जब चुनाव का साल होगा, आप मैदान में जाइए, आप सदन का भी इस्तेमाल कर लें. छह महीने जो खेल खेलना है खेल लीजिए, लेकिन तब तक देश के गरीब, किसान, महिलाओं के सामर्थ्य के लिए काम कीजिए.

60 साल के बाद कोई सरकार तीसरी बार वापस आई
तीसरी बार सत्ता में वापसी का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा, “भारत के लोकतंत्र की जो गौरव यात्रा है, उसमें ये एक महत्वपू्र्ण पड़ाव के रूप में मैं देख रहा हूं. व्यक्तिगत रूप से मुझे और हमारे सभी साथियों को लगता है कि ये अत्यन्त गर्व का विषय है कि करीब 60 साल के बाद कोई सरकार तीसरी बार वापस आई और तीसरी पारी का पहला बजट रखने का सौभाग्य प्राप्त हो, भारत के लोकतंत्र की गौरव यात्रा को देश देख रहा है.”
विपक्षी सांसदों से की खास अपील
पीएम मोदी ने कहा, आज मैं विपक्षी सांसदों से भी अपील करना चाहता हूं कि पिछली जनवरी से हम लोगों के पास जितना सामर्थ्य था, उसके साथ जितनी लड़ाई लड़नी थी, लड़ ली. जो बात जनता को बतानी थी, बता दी. लेकिन अब वह समय समाप्त हो गया. देशवासियों ने अपना फैसला दे दिया. अब चुने हुए सांसदों का कर्तव्य देश के लोगों के लिए है. अब सभी सांसदों की यह जिम्मेदारी है कि वे दल से ऊपर उठकर के देश के लिए लड़ें.
अमृतकाल का महत्वपूर्ण बजट
उन्होंने कहा कि कल हम जो बजट पेश करेंगे, वह अमृतकाल का महत्वपूर्ण बजट है। हमें पांच साल का जो अवसर मिला है, ये बजट हमारे उन पांच साल की दिशा तय करेगा। ये बजट 2047 के विकसित भारत के सपने मजबूत देने वाला होगा। हर देशवासी के लिए बड़े गर्व की बात है कि भारत बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देशों में सबसे तेज गति से आगे बढ़ने वाला देश है। गत 3 वर्षों में लगातार 8 प्रतिशत ग्रोथ के साथ हम आगे बढ़ रहे हैं। आज भारत को लेकर सकारात्मकता बढ़ रही है, निवेश चरम पर है, ये अपने आप में भारत की विकास यात्रा का अहम पड़ाव है।
पीएम मोदी ने कांग्रेस को घेरा
पीएम मोदी ने कहा, इस नई संसद के गठन के पहले सत्र में 140 करोड़ देशवासियों ने जिस बहुमत के साथ जिस सरकार को सेवा करने का देशवासियों ने हुकम किया है. उस सरकार की आवाज को कुचलने का अलोकत्रांतिक प्रयास हुआ. ढाई घंटे तक देश के प्रधानमंत्री का गला घोंटने का, आवाज को दबाने का, रोकने का प्रयास हुआ. लोकतांत्रिक परंपराओं में इनका कोई स्थान नहीं हो सकता है और इसका उन्हें कोई पश्चाताप नहीं है. दिल में दर्द तक नहीं है उन्हें. देशवासियों ने हमें यहां देश के लिए भेजा है न कि दल के लिए. यह सदन दल के लिए नहीं देश के लिए है.
‘देश की खातिर एक साथ मिलजुलकर लड़ना है’
उन्होंने कहा, ‘‘भारत के लोकतंत्र की गौरव यात्रा की एक अत्यंत गरिमापूर्ण घटना के रूप में देश इसे देख रहा है. यह बजट सत्र है. मैं देशवासियों को जो गारंटी देता रहा हूं, हमें उन गारंटियों को जमीन पर उतारना है और इस लक्ष्य को लेकर हम आगे बढ़ रहे हैं.’’ लोकसभा चुनाव के दौरान राजनीतिक दलों की लड़ाई का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि अब इसे पीछे छोड़कर आने वाले पांच वर्ष के लिए सभी को देश की खातिर एक साथ मिलजुलकर लड़ना है.
राजनीतिक दलों पर साधा निशाना
उन्होंने कहा, ‘‘मैं सभी राजनीतिक दलों से कहूंगा कि हम आने वाले चार, साढ़े चार साल दलगत सोच से ऊपर उठकर, सिर्फ और सिर्फ देश को समर्पित होकर संसद के इस गरिमापूर्ण मंच का उपयोग करें.’’ उन्होंने कहा कि 2029 में जब लोकसभा चुनाव आएगा, तब उस चुनावी वर्ष में उन्हें जो ‘खेल खेलना’ होगा वह खेल लें, लेकिन तब तक सिर्फ और सिर्फ देश, देश के किसान, गरीब, युवा और महिलाओं को सशक्त करने के लिए जन भागीदारी का एक जन आंदोलन खड़ा करें.
प्रधानमंत्री ने संसद के पिछले सत्र में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान विपक्षी सदस्यों द्वारा हंगामा और शोरगुल किए जाने का उल्लेख किया और कहा कि कुछ दलों की नकारात्मक राजनीति ने देश के, संसद के महत्वपूर्ण समय का, एक प्रकार से अपनी राजनीतिक विफलताओं को ढकने के लिए दुरुपयोग किया.
‘विपक्ष कर रहा आवाज को कुचलने की कोशिश’
उन्होंने कहा, ‘‘जो पहले सत्र हुआ था… 140 करोड़ देशवासियों ने बहुमत के साथ जिस सरकार को सेवा करने का हुक्म दिया, उसकी आवाज को कुचलने का अलोकतांत्रिक प्रयास हुआ. ढाई घंटे तक देश के प्रधानमंत्री का गला घोंटने का, उनकी आवाज को रोकने का, उनकी आवाज को दबाने का… लोकतांत्रिक परंपराओं में कोई स्थान नहीं हो सकता है.’’
उन्होंने कहा कि हंगामा करने वाले सदस्यों को इसका पश्चाताप तक नहीं है और ना ही उनके दिल में कोई दर्द है. उन्होंने कहा, ‘‘देशवासियों ने हमें यहां देश के लिए भेजा है, दल के लिए नहीं भेजा है. यह सदन दल के लिए नहीं, यह सदन देश के लिए है.