‘Coaching centers have become chambers of death… playing with life,’ Supreme Court issued notice to Central and Delhi government, imposed a fine of Rs 1 lakh on the federation
नई दिल्ली। Rau Coaching Centre Incident दिल्ली में राजेंद्र नगर में राव कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में तीन IAS आभ्यर्थियों की मौत के मामल में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकार को नोटिस दिया है।
SC ने MCD को भी जारी किया नोटिस
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली नगर निगम (MCD) को भी नोटिस जारी किया है। वहीं, सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि कोचिंग सेंटर डेथ चेंबर बन गए हैं।
कोचिंग सेंटरों में मौजूद खतरों और लगातार हो रहे हादसों के मद्देनजर सेफ्टी के लिए गाइडलाइन बनाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए बडा आदेश दिया है. कोर्ट ने दिल्ली के कोचिंग सेंटर्स को डेथ चेंबर बताया है. कोर्ट ने याचिकाकर्ता कोचिंग सेंटर फेडरेशन पर एक लाख रुपए जुर्माना भी लगाया है.
केंद्र और दिल्ली सरकार से पूछा
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र, दिल्ली सरकार और एमसीडी से पूछा कि अब तक क्या सुरक्षा मानदंड निर्धारित किए गए हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि घटना ने आंखें खोल दी, किसी भी संस्थान को तब तक संचालित करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए जब तक कि वे सुरक्षा मानदंडों का पालन न करें।
कोर्ट ने कहा कि देश के विभिन्न हिस्सों से आए उम्मीदवारों के जीवन के साथ कोचिंग सेंटर खिलवाड़ कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली कोचिंग सेंटर में हुई मौतों का स्वतः संज्ञान लेते हुए केंद्र और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया।
सरकार बताए, अब कौन से सुरक्षा मानदंड बनाए गए: सुप्रीम कोर्ट
जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, “हमें नहीं मालूम है कि अभी तक दिल्ली सरकार या केंद्र सरकार ने क्या प्रभावी उपाय किए हैं. अपने करियर में आगे बढ़ने के लिए कोचिंग सेंटरों में पढ़ने वाले कुछ छात्रों की जान जाने की दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई. ये घटना सभी के लिए आंखें खोलने वाली है.”
उन्होंने आगे कहा, “इसलिए हम इस मामले का स्वत: संज्ञान लेते हैं, ताकि केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया जा सके. इसमें वह ये बताएं कि अब तक कौन से सुरक्षा मानदंड निर्धारित किए गए हैं और अगर ऐसे किए गए हैं तो उनका पालन करवाने के लिए किस तरह का प्रभावी तंत्र पेश किया गया है.”
यूपीएससी की तैयारी कर रहे छात्रों की हुई थी मौत
दरअसल, दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में स्थित राउज कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में 27 जुलाई को पानी भर गया. भारी बारिश के बाद बेसमेंट के बाहर बहुत ज्यादा पानी भरा हुआ था. तभी वहां से गुजर रही एक कार के चलते पानी की लहरें उठीं और वो बेसमेंट घुस गईं. इसकी वजह से तेजी से बेसमेंट में पानी भरने लगा, जिसके चपेट में आकर तीन छात्रों की मौत हो गई. इसके बाद कार ड्राइवर को गिरफ्तार किया गया, साथ ही बेसमेंट को सील कर दिया. फिलहाल छात्र बेसमेंट में कोचिंग क्लास चलाने के खिलाफ प्रदर्शन भी कर रहे हैं.
अगर सेफ्टी नॉर्म को पूरा नही करते तो…
सुप्रीम कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल को इस मामले मे कोर्ट की सहायता करने को कहा. साथ ही कोर्ट ने कहा कि हमारा ये सोचना है कि अगर कोचिंग सेंटर सेफ्टी नॉर्म को पूरा नही करते तो इनको ऑन लाइन मोड मे कर दिया जाना चाहिए लेकिन फिलहाल. हम ये नहीं कर रहे हैं. कोचिंग संस्थान ऑनलाइन संचालित हो सकते हैं. जब तक कि वहां पढ़ने वाले युवाओं के गरिमामयी जीवन के लिए सुरक्षा मानदंडों और बुनियादी मानदंडों का पूर्ण पालन न हो. इन मानदंडों में उचित वेंटिलेशन, सुरक्षा मार्ग, हवा और रोशनी शामिल होना चाहिए.
क्या है मामला, जिस पर कोर्ट ने खुद संज्ञान लिया
दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में राव आईएएस स्टडी सर्किल के ‘बेसमेंट’ में पानी भरने से सिविल सेवा के तीन अभ्यर्थियों की मौत हो गई थी. इस दुखद घटना को रविवार को एक सप्ताह पूरा हो गया. इस मामले में जमकर सियासत देखने को मिली. वही छात्र इंसाफ की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. छात्रों का कहना है कि उनकी जिंदगियों को ताक पर रखकर कोचिंग सेंटर चल रहे हैं, अगर वक्त रहते कार्रवाई हुई होती तो राजेंद्र नगर में ये दुखद हादसा ना होता.
दिल्ली हाई कोर्ट ने इस हादसे पर क्या कहा
राजधानी दिल्ली में हुए कोचिंग हादसे के मामले की जांच दिल्ली हाईकोर्ट ने सीबीआई को सौंपने का फैसला लिया है. शुक्रवार को चली लंबी सुनवाई के बाद कोर्ट ने यह फैसला लिया. अदालत ने इस मामले में एमसीडी और दिल्ली पुलिस पर सख्त टिप्पणी की थी. दिल्ली पुलिस से कोर्ट ने कहा कि सड़क पर चल रहे आदमी को क्यों गिरफ्तार कर लिया गया था? पुलिस को माफी मांगनी चाहिए. पुलिस की तब इज्जत होती है जब वह अपराधी को पकड़े और निर्दोष पर किसी तरह की कार्रवाई न करें.अगर आप निर्दोष को पड़कर दोषियों को छोड़ने लगेंगे तो यह बहुत ही खराब स्थिति होगी.