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इलेक्टोरल बांड पर इतना सत्य उजागर होने के बाद भी भाजपा नेताओं की अहंकारी प्रवृति समझ से परे-अनिल शुक्ला रायगढ़ 23 मार्च

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Even after revealing so much truth on electoral bonds, the arrogant nature of BJP leaders is beyond comprehension – Anil Shukla
Raigarh 23 March

जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अनिल शुक्ला ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर माननीय वित्त मंत्री ओ. पी . चौधरी के इलेक्टोरल बांड पर दिए गए बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि जब देश और विदेश के सारे मीडिया ने चुनावी बांड में भाजपा द्वारा अर्जित फंड का पूरे विश्लेषण के साथ खुलासा कर दिया हो उसके बावजूद भी भाजपा नेता अपने दागदार दामन का बचाव करना व दूसरों पर छींटे उछालने का कृत्य अशोभनीय है।

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अनिल शुक्ला ने कहा कि माननीय वित्त मंत्री चौधरी जी इस तथ्य को कदापि झुठला नहीं सकते कि केंद्र में बैठी भाजपा पार्टी के इशारों पर जिन बड़े ओद्योगिक व्यावसाययिक समूहों पर ई डी ,आई टी,सी बी आई की दबिश दी गई थी उन सभी समूहों द्वारा कहीं न कहीं छापे की अवधि के आस पास ही इलेक्टोरल बांड नहीं खरीदा गया हो।

छापे की अवधि के ठीक बाद इलेक्टोरल बांड का खरीदा जाना यह साबित करता है कि खरीदे गए करोड़ों के बांड के पीछे किसी न किसी प्रकार का सत्ता का दबाव ही था ।

अनिल शुक्ला ने कहा कि मोदी सरकार ने केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग विपक्षी दलों के नेताओं के दमन के साथ ईडी, आईटी, सीबीआई का दुरुपयोग कर भाजपा का वसूली एजेंट बना दिया है। जहां भी चुनाव होते है वहां के विपक्षी दलों नेताओं के खिलाफ झूठे मुकदमे दर्ज कराये जाते है। ईडी के द्वारा षडयंत्र रचा जाता है। आज पूरे देश में आमूमन यहीं स्थिति है।

ईडी सीबीआई, आईटी व्यापारिक घरानों उद्योगपतियों के यहां छापा मारती है। उसके बाद भाजपा को चंदा देने दबाव बनाया जाता है और फिर हजारो करोड़ रूपये वसूले भी जाते है । सरकार का प्रायोजित अवैध वसूली का इससे बड़ा उदाहरण पूरी दुनिया में नहीं मिलेगा। सरकार जिसकी लोगों के जान माल के संरक्षण देने की कानूनी जवाबदारी होती है वही केंद्रीय एजेंसियों के माध्यम से वसूली कर रही है। मोदी सरकार ने ईडी, आईटी, सीबीआई को घूस वसूली हेतु अपना माध्यम बना लिया है।

यह साफ है इलेक्टोरल बांड मोदी सरकार द्वारा भाजपा को फायदा पहुंचाने के लिये ही लाया गया था।

यह देश का अब तक का सबसे बड़ा चुनावी चंदा घोटाला है।

मोदी सरकार ने व्यवसायिक संस्थानों को केन्द्रीय एजेंसियो के माध्यम से डरवा कर छापे मारवाकर गलत कार्यवाही करवा कर इलेक्टोरल बांड के माध्यम से वसूली करवाई।

जिन कंपनियो ने भाजपा को चुनावी चंदा दिया उनको हजारो करोड़ रू. के ठेके दिये गये।

जिन कंपनियो ने भाजपा को चंदा दिया उनके खिलाफ मनीलांड्रिंग की कार्यवाही को मोदी सरकार  ने रुकवा दिया।

इलेक्टोरल बांड से जुड़ी जानकारी सामने आने के बाद यह साफ हो गया की भाजपा नें अपने आर्थिक लाभ क़े लिए सारा षड्यंत्र रचा। इसीलिए ही स्टेट बैंक ने इसको छुपाना चाहा फिर भी सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर जो जानकारी सामने आई है उसके अनुसार 1,300 से अधिक कंपनियों और व्यक्तियों ने इलेक्टोरल बांड के रूप में दान दिया है,।

2019 के बाद से भाजपा को 6,000 करोड़ से अधिक का दान मिला है।

ऐसी कई कंपनियों के मामले हैं जिन्होंने इलेक्टोरल बांड दान किया है और इसके तुरंत बाद इन कपंनियो ने मोदी सरकार से भारी लाभ प्राप्त किया है।

मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रा ने 800 करोड़ रुपए से अधिक इलेक्टोरल बॉन्ड में दिए हैं। अप्रैल 2023 में, उन्होंने 140 करोड़ डोनेट किया और ठीक एक महीने6  बाद, उन्हें 14,400 करोड़ रुपए की ठाणे-बोरीवली ट्विन टनल प्रोजेक्ट मिल गया।

जिंदल स्टील एंड पावर ने 7 अक्टूबर 2022 को इलेक्टोरल बॉन्ड में 25 करोड़ रुपए दिए और सिर्फ़ 3 दिन बाद वह 10 अक्टूबर 2022 को गारे पाल्मा 4/6 कोयला खदान हासिल करने में कामयाब हो गया।

भाजपा ने इलेक्टोरल बांड के माध्यम से हफ्ता वूसली किया। ईडी/सीबीआई/आईटी के माध्यम से किसी कंपनी पर छापा मारो और फ़िर कंपनी की सुरक्षा के लिए हफ़्ता (“दान“) वसूला।

शीर्ष 30 चंदादाताओं में से कम से कम 14 पर छापे मारे गए हैं। इस साल की शुरुआत में एक जांच में पाया गया कि ईडी/सीबीआई/आईटी छापे के बाद, कंपनियों को चुनावी ट्रस्टों के माध्यम से भाजपा को दान देने के लिए मजबूर किया गया था।

हेटेरो फार्मा और यशोदा अस्पताल जैसी कई कंपनियों ने इलेक्टोरल बॉन्ड के माध्यम से चंदा दिया है।

इनकम टैक्स विभाग ने दिसंबर 2023 में शिरडी साई इलेक्ट्रिकल्स पर छापा मारा और जनवरी 2024 में उन्होंने इलेक्टोरल बांड के माध्यम से 40 करोड़ रुपए का दान दिया।

फ्यूचर गेमिंग एंड होटल्स ने 1200 करोड़ रुपए से अधिक का दान दिया है जो इसे अब तक के आंकड़ों में सबसे बड़ा दान देने वाला बनाता है।

आप क्रोनोलॉजी समझिए – 2 अप्रैल 2022 : ईडी ने फ्यूचर पर छापा मारा, और 5 दिन बाद (7 अप्रैल) को उन्होंने इलेक्टोरल बॉन्ड में 100 करोड़ रुपए का दान दिया। अक्टूबर 2023 : आईटी विभाग ने फ्यूचर पर छापा मारा, और उसी महीने उन्होंने इलेक्टोरल बॉन्ड में 65 करोड़ रुपए का दान दिया।

इलेक्टोरल बांड के माध्यम से मोदी सरकार ने रिश्वत लेने का नया तरीका खोजा। आंकड़ों से एक पैटर्न उभरता है, जिसमें केंद्र सरकार से कुछ मदद मिलने के तुरंत बाद कंपनियों ने चुनावी बांड के माध्यम से एहसान चुकाया है।

वेदाता को 3 मार्च 2021 को राधिकापुर पश्चिम प्राइवेट कोयला खदान मिला, और फिर अप्रैल 2021 में उन्होंने चुनावी बांड में 25 करोड़ रुपए का दान दिया।

मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रा को अगस्त 2020 में 4,500 करोड़ का जोजिला सुरंग प्रोजेक्ट मिला, फिर अक्टूबर 2020 में उन्होंने इलेक्टोरल बॉन्ड  बांड में 20 करोड़ रुपए का दान दिया।

मेघा को दिसंबर 2022 में बीकेसी बुलेट ट्रेन स्टेशन का कॉन्ट्रैक्ट मिला, और उन्होंने उसी महीने 56 करोड़ रुपए का दान दिया।

इलेक्ट्रोरल  बांड घोटाला भाजपा कि बदनियति  भ्रस्टाचार का सबसे बड़ा सबूत है भाजपा नें ईडी  आईटी सीबीआई को अपना चंदावसूली एजेंट बना दिया था।

अनिल शुक्ला ने माननीय वित्त मंत्री ओ. पी. चौधरी जी के बयान जिसमे उन्होंने इलेक्टोरल बांड पर समीक्षा कर जारी किया था जिसे उन्होंने सीटों के आधार पर डाटा दिया था उस पर जवाब देते हुए कहा कि चन्दा लेने और चंदा वसूलने में बहुत अंतर होता है शुक्ला ने बताया कि चौधरी साहब ने हवाला दिया कि भाजपा पार्टी जिसके 303 सांसद हैं उन्हें चुनावी चंदे में 6000 करोड़ रुपये मिले वहीं कांग्रेस पार्टी जिसके 52 सांसद हैं उन्हें चुनावी चंदे में 1400 करोड़ रुपए प्राप्त हुए यहां उन्होंने ये नहीं बताया कि केंद्र में उनकी ही सरकार है और उन्होंने 6 हजार करोड़ की बांड राशि चंदा वसूली की प्रक्रिया में ई डी ,आई टी,सी बी आई जैसी संस्थाएं लगी रहीं उन्होंने इन्ही एजेंसियों के दबाव से चंदे की राशि वसूल की। वहीं कांग्रेस ने 1400 करोड़ के इलेक्टोरल बांड अपनी सौम्य साख के बलबूते प्राप्त किये जिस पर हर कांग्रेस कार्यकर्ता को गर्व है वहीं अनिल शुक्ला ने माननीय ओ.पी . चौधरी को चुनौती देते हुए कहा कि आपकी पार्टी ने अगर जिस प्रकार से चंदा वसूल किया है और भाजपा अगर उसे ईमानदारी से वसूला हुआ बताती है तो आप भी देश को बताएं कि आपको प्राप्त हुई इलेक्टोरल बांड की राशि पर भाजपा को भी गर्व है। अनिल शुक्ला ने कहा जब सारे विश्व ने ये देख जान लिया है कि आपको चुनावी चंदा सरकारी एजेंसियों के दबाव के साथ ही मिला है तो आपका इस प्रकार बयान आना और कांग्रेस पार्टी को अपने गिरेबाँ में झांकने को कहना कितना उचित है ये देश के सामने है।

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