NMC announces 112 new medical colleges in the country for students who dream of becoming doctors after doing MBBS.
डॉक्टर बनने का सपना देखने वाले विद्यार्थियों के लिए बड़ी खुशखबरी है। राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग ने देशभर में 112 नया मेडिकल कॉलेज की स्थापना को स्वीकृति भी है जिसके चलते मेडिकल सीटों में काफी इजाफा हुआ है। सीट बढ़ने से कंपटीशन थोड़ा काम होगा और अभ्यर्थियों को आसानी से मेडिकल कॉलेजो में प्रवेश मिलेगा।
नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) ने देश भर में 112 नए मेडिकल कालेजों की स्थापना को मंजूरी दे दी है। इससे देश में मेडिकल कालेजों की संख्या 800 के पार हो जाएगी। वर्ष 2013-14 के बाद से मेडिकल कालेजों की संख्या करीब दोगुनी हो गई है। वहीं एमबीबीएस की सीटों में 110 फीसदी का इजाफा दर्ज किया गया है। 20213-14 में एमबीबीएस की सीटें 51348 थीं, जो 2023-24 में बढक़र 108990 हो गईं। वहीं, पीजी मेडिकल सीटें 20213-14 में 31,185 थीं, जो 2023-24 में बढक़र 68,073 हो गईं। जिन नए 112 मेडिकल कॉलेजों को मंजूरी मिली है, उनमें से 22 उत्तर प्रदेश में और एक दिल्ली में हैं। हाल ही में एक संसदीय समिति ने सिफारिश की थी कि सरकार को लालफीताशाही से निपटने और जिला अस्पतालों के साथ प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों की पार्टनरशिप को लेकर एक प्रभावी खाका तैयार करना चाहिए।
एमपी भुवनेश्वर कलिता की अध्यक्षता में गठित समिति के मुताबिक इन प्रयासों से न सिर्फ प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों की स्थापना व उसके संचालन का खर्चा कम होगा, बल्कि मेडिकल एजुकेशन की बढ़ती लागत पर भी लगाम लगेगी। नीट परीक्षा का आयोजन पांच मई, 2024 को होगा, जबकि रिजल्ट की घोषणा 14 जून, 2024 को होगी। नीट के जरिए ही देश के तमाम मेडिकल कालेजों में एमबीबीएस, बीडीएस, बीएएमस, बीएचएमस, बीयूएमस और अन्य विभिन्न अंडर ग्रेजुएट मेडिकल कोर्सेज में दाखिला होता है। इसके अलावा मिलिट्री नर्सिंग सर्विस (एमएनएस) के लिए भी अभ्यर्थी नीट यूजी परीक्षा के माक्र्सस के जरिए आम्र्ड फोर्सेज मेडिकल सर्विस हॉस्पिटल के बीएससी नर्सिंग कोर्स में एडमिशन ले सकेंगे।
प्राइवेट कॉलेज में पारदर्शिता लाने और भ्रष्टाचार खत्म कर क्वालिटी एजुकेशनदेने के लिए एक संसदीय समिति ने सिफारिश की थी कि सरकार को जिला अस्पतालों के साथ प्राइवेट मेडिकल कॉलेज की पार्टनरशिप करने के लिए एक मजबूत नीति बननी चाहिए। ताकि प्राइवेट मेडिकल कॉलेज की स्थापना व उसके संचालन का खर्चा कम होगा बल्कि मेडिकल एजुकेशन की भर्ती लागत पर भी लगाम लगेगी। एमपी भुवनेश्वर कलिता की अध्यक्षता में गठित समिति के मुताबिक इन प्रयासों से न सिर्फ प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों की स्थापना व उसके संचालन का खर्चा कम होगा, बल्कि मेडिकल एजुकेशन की बढ़ती लागत पर भी लगाम लगेगी। कई मेडिकल कॉलेज को जिला अस्पतालों से लिंक किया गया है। जिला अस्पताल परिसर में छात्र चिकित्सा प्रैक्टिस करेंगे और शैक्षणिक गतिविधियों के लिए अलग से इन अस्पतालों में ब्लॉक बनाए जाएंगे। 12 राज्यों के 57 जिला अस्पतालों को पूरी तरह से मेडिकल कॉलेज का स्वरूप दे दिया गया है।