सम्मान समारोह में अधिकारियों ने कैरियर की तैयारी के लिए दिए ज्ञान
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शादी और कैरियर में किसको पहले चुनें एक बालिका ने की सवाल
दिलीप टंडन/रीडर्स फर्स्ट न्यूज सारंगढ़-बिलाईगढ़, 30 मई 2024/कलेक्टर श्री धर्मेश कुमार साहू के मुख्य आतिथ्य में जिले के शासकीय और निजी स्कूलों के कक्षा दसवी और बारहवी के सीजी और सीबीएसई कोर्स के टॉपर बच्चों का जिला स्तरीय सम्मान समारोह 2024 का आयोजन सारंगढ़ में किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ छत्तीसगढ़ महतारी के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। कलेक्टर श्री धर्मेश कुमार साहू ने सभी प्रतिभावान टॉपर बच्चों को क्रमवार सम्मानित किया और सामूहिक रूप से सभी टॉपर बच्चों के साथ सामूहिक छायाचित्र लिया गया। इस अवसर पर सभी बच्चों ने आईएएस, डॉक्टर, इनकम टैक्स अधिकारी, शिक्षक बनने की इच्छा बताई और जिज्ञासा के प्रश्न पूछे गए जिसमें बच्चों ने सिविल सेवा की तैयारी के लिए सवाल किए। इसमें एक बालिका ने बारहवीं के 3-4 साल बाद कैरियर और शादी दोनों का एक साथ समय अवधि में अवसर आता है तब क्या करना चाहिए। इन सभी के जवाब अधिकारियों ने क्रमशः दिए। कार्यक्रम के अंत में अधिकारियों, टॉपर बच्चों और उनके अभिभावकों ने दोपहर का भोजन किए।
छत्तीसगढ़ राज्य प्रशासनिक सेवा के 2009 बैच के आईएएस एवं कलेक्टर श्री धर्मेश कुमार साहू ने कहा कि दसवीं और बारहवीं में अच्छे स्थान पाने के लिए बधाई। इनके साथ-साथ अभिभावक, माता पिता और शिक्षक को भी बधाई। टॉप करने वाले स्कूल के प्रबंधन को भी बधाई। कक्षा 9 से कैरियर की फील्ड के हिसाब से तैयारी करना शुरू कर देना चाहिए। कैरियर का चयन विधार्थी के स्वयं का है। कैरियर चयन का निर्णय बच्चे का होना चाहिए। शिक्षक को ऐसे बच्चों के गाईड करना चाहिए। किसी भी पोस्ट के लिए संघर्ष (कंपीटिशन) तो हमेशा करना होगा। स्कूल की पढ़ाई जानने के लिए है। प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के समय पहली से बारहवीं तक सभी विषय को अच्छे से पढ़नी चाहिए। बेस मजबूत बनाना होगा। कंपीटिशन परीक्षा के लिए बार-बार किसी टॉपिक को अच्छे से पढ़ना चाहिए। आजकल वस्तुनिष्ठ प्रकार के प्रश्न होते हैं। किसी भी वस्तुनिष्ठ प्रश्न के लिए उत्तर खोजने की जरूरत नहीं होना चाहिए। उसके लिए पहले से पढ़े हुए को उत्तर याद होना चाहिए। यूपीएससी से आईएएस, आईपीएस और अन्य रेलवे, रेवेन्यू के अधिकारी चयनित होते हैं। आईएफएस से डीएफओ चयनित होते हैं। कैरियर निर्माण के लिए शादी अवरोध नहीं है, शादी के बाद भी महिलाएं सिविल सेवा में चयनित हुई हैं।
यूपीएससी से 2020 में ऑल इंडिया 67 रैंक के आईएएस और अनुविभागीय अधिकारी सारंगढ़ श्री वासु जैन ने बच्चों को कहा कि जहां तक हो सके मोबाइल के सोशल मीडिया (फेसबुक, इंस्टा, व्हाटसअप, यूटयूब) का उपयोग कम से कम करें। अनुशासन में रहकर पढ़ाई के लिए दिनचर्या बनाएं। नियमित रूप से अखबार पढ़ने का आदत बनाएं। साथ ही अपने शरीर के स्वास्थ्य के लिए नियमित रूप से खेल से स्वस्थ रहें। अभी जिस स्कूल और कॉलेज में पढ़ने जा रहे हैं उसके कोर्स को ध्यान से पढ़िए उसके बाद सिविल सेवा की तैयारी करें।
सिविल सेवा की तैयारी के संबंध में यूपीएससी से 201 8 बैच के आईपीएस और एसपी श्री पुष्कर शर्मा ने कहा कि सिविल सेवा की तैयारी के लिए तीन-चार लगता है। सिलेबस इतना बड़ा है कि एक साल में तैयारी करना मुश्किल है। स्कूल की फांउडेशन स्ट्रांग रहेगा तब अच्छा होगा। जब हम टॉपर रहते हैं तो कॉन्फीडेंस आता है। बारहवीं और कॉलेज की पढ़ाई अच्छे से करे लें। बारहवीं के बाद ग्रेजुएशन कोर्स के समय तैयारी के लिए सही समय है। आजकल प्राइवेट क्षेत्र में भी कई पद हैं। यदि आप मेहनती हैं तो रोजगार उपलब्ध होगा। माता-पिता (पेरेंटस) बालिकाओं के शादी के लिए परेशान न हो। उनको बालिकाओं के पढ़ाई और कैरियर पर ध्यान देना चाहिए।
परियोजना निदेशक श्री हरिशंकर चौहान ने कहा कि टॉपर बच्चों के अधिकारी का उनका पद खाली रहता है। उसके लिए कैरियर का प्लान-बी की जरूरत नहीं है। लड़कों से ज्यादा कैरियर बनाने की जरूरत लड़कियों को है। दसवीं उत्तीर्ण करने के बाद ग्यारहवी में कौन सा विषय लेकर पढ़ाई करें। यह समस्या बच्चों को रहता है। इसके लिए चाहिए कि वे अपने रूचि और आवश्यकता के अनुसार कोर्स का चयन करें। इस अवसर पर जिला शिक्षा अधिकारी श्री एस.एन. भगत, बीईओ श्री नरेश चौहान, श्री रेशम लाल कोसले, श्री सत्यनारायण साहू, एबीईओ श्री मुकेश कुर्रे, श्री किशोर पटेल, प्राचार्य श्री सुदीप्त प्रधान, सारबिला अकादमी के समन्वयक श्री सत्येन्द्र बसंत सहित बड़ी संख्या में टॉपर बच्चों के माता-पिता अभिभावक उपस्थित थे।